निस्वार्थ, निश्छल, शाश्वत, अविरल अपरिभाषित भाषा है यही प्रेम परिभाषा है। निस्वार्थ, निश्छल, शाश्वत, अविरल अपरिभाषित भाषा है यही प्रेम परिभाषा है।
अपनी आज पर कर नाज छेड़ जीवन का नया साज अपनी आज पर कर नाज छेड़ जीवन का नया साज
एक सच्चा कवि अपनी कविता को बच्चे की तरह प्यार करता हैं. उसे प्यार से बनाता हैं,अच्छी अच्छी चीज़े लेकर... एक सच्चा कवि अपनी कविता को बच्चे की तरह प्यार करता हैं. उसे प्यार से बनाता हैं,अ...
ये पंछी उड़ जाएगा होके एक दिन फुर्ररर! ये पंछी उड़ जाएगा होके एक दिन फुर्ररर!
" नीरज" लोक संग्रहार्थ सेवा तू कर ले, यह है असली जीवन ज्योती।। " नीरज" लोक संग्रहार्थ सेवा तू कर ले, यह है असली जीवन ज्योती।।
न्योछावर करते रहना, प्यार दुलार हमेशा न्योछावर करते रहना, प्यार दुलार हमेशा